उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से जिज्ञासा विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण शिविर आयोजित
लाइव डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से छात्राओं ने सीखे अपराधियों से निपटने के गुर

अजय शर्मा, पछवादून मीडिया । जिज्ञासा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन द्वारा उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से एक दिवसीय महिला आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि उत्तराखंड पुलिस की मुख्य कोच (वुशु) अंजना रानी सपकल ने छात्राओं को आत्मरक्षा के महत्व और अपराधों से बचाव के उपायों पर मार्गदर्शन किया।
जिज्ञासा विश्वविद्यालय में आयोजित महिला आत्मरक्षा प्रशिक्षण शिविर का उद्देश्य छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें आत्मरक्षा तकनीकों से परिचित कराना था, ताकि वे किसी भी संकट की स्थिति में स्वयं की सुरक्षा कर सकें। इस कार्यक्रम में छात्राओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में विभिन्न आत्मरक्षा तकनीकों का अभ्यास भी कराया गया। मुख्य अतिथि अंजना रानी सपकल, जो उत्तराखंड पुलिस की प्रमुख वुशु कोच हैं, ने कार्यक्रम के दौरान महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने छात्राओं को जागरूक करते हुए कहा कि महिलाओं को अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहना चाहिए और आत्मरक्षा के गुर सीखकर आत्मनिर्भर बनना चाहिए। जब महिलाएं सशक्त होंगी, तभी समाज में सुरक्षा और समानता का माहौल बनेगा। कार्यक्रम में विशेषज्ञों की टीम ने लाइव डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से छात्राओं को यह दिखाया कि किसी भी संकट की स्थिति में वे अपराधी से कैसे बच सकती हैं और कैसे आत्मरक्षा कर सकती हैं। छात्राओं को विभिन्न तकनीकों, जैसे पावर पंच, किकिंग, ग्रैपलिंग और हमलावर से बचाव के तरीके सिखाए गए। इस दौरान छात्राओं में उत्साह और आत्मविश्वास देखने लायक था। वहीं, कार्यक्रम में वुशु वर्ल्ड चैंपियन आदित्य कुमार और वुशु नेशनल मेडलिस्ट, मौलिकता, जो कि राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक विजेता भी हैं, ने विशेष रूप से भाग लिया। उन्होंने छात्राओं को आत्मरक्षा के महत्व के बारे में बताया और बचाव के तरीकों से अवगत कराया। इस दौरान स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन की डीन प्रोफेसर डॉ. वीणा हाड़ा ने महिला सुरक्षा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिला सुरक्षा केवल कानून व्यवस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता और व्यक्तिगत सशक्तिकरण से भी जुड़ा हुआ है। हमें समाज में ऐसी सोच विकसित करनी होगी, जिससे महिलाएं खुद को सुरक्षित और स्वतंत्र महसूस कर सकें। कार्यक्रम का आयोजन जिज्ञासा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. शंकर रामामूर्ति के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। उन्होंने कार्यक्रम की सराहना करते हुए समय समय पर महिला सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की दिशा में ज़ोर दिया। अंत में इस सफल आयोजन के लिए उत्तराखंड पुलिस और सभी विशेषज्ञों को धन्यवाद ज्ञापित कर सम्मानित किया गया।